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गुरु चांडाल दोष: ज्योतिष में इसका प्रभाव और निवारण

गुरु चांडाल दोष एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दोष है, जो तब उत्पन्न होता है जब गुरु (बृहस्पति) और राहु या केतु एक ही राशि में होते हैं। इस दोष का नाम “चांडाल” इसलिए पड़ा क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक और कठिन परिस्थितियों को जन्म दे सकता है। गुरु चांडाल दोष का मुख्य प्रभाव […]

कुंभ विवाह: एक विशेष वैदिक अनुष्ठान

कुंभ विवाह एक अद्वितीय वैदिक अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए किया जाता है जिनकी कुंडली में मंगल दोष या अन्य अशुभ ग्रह स्थिति होती है। इस अनुष्ठान का उद्देश्य इन दोषों को शांत करना और व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाना है। कुंभ विवाह के माध्यम से […]

अर्क विवाह: एक विशेष विवाह अनुष्ठान

अर्क विवाह एक विशेष प्रकार का वैदिक अनुष्ठान है, जिसका उद्देश्य कुंडली में मौजूद दोषों को शांत करना और व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाना है। यह अनुष्ठान विशेष रूप से उन लोगों के लिए किया जाता है जिनकी कुंडली में मंगल दोष, शनि दोष, या अन्य किसी प्रकार का ग्रह दोष […]

राहु केतु जाप: महत्व, विधि, और लाभ

राहु और केतु हिंदू ज्योतिष में छाया ग्रह माने जाते हैं, जिनका जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। इन ग्रहों की स्थिति कुंडली में अनुकूल न होने पर व्यक्ति को जीवन में अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। राहु केतु जाप एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जिसका उद्देश्य इन ग्रहों के […]

कालसर्प दोष पूजा क्या है?

कालसर्प दोष पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसका उद्देश्य जन्म कुंडली में उपस्थित कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों को शांत करना और जीवन में सुख, शांति, एवं समृद्धि प्राप्त करना है। हिंदू ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो इसे कालसर्प […]